Ward Parshad Kaise Bane: वार्ड पार्षद कैसे बने योग्यता, आवेदन प्रक्रिया और सैलरी की पूरी जानकारी

Category: updates » by: Lalchand » Update: 2025-04-17

भारत में नगर निगम या नगर परिषद के प्रशासन में जनता के प्रतिनिधि के रूप में वार्ड पार्षद (Ward Parshad) की अहम भूमिका होती है। वार्ड पार्षद का कार्य अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सुलझाना, क्षेत्र में विकास कार्य करवाना और नगर निकाय के निर्णयों में भाग लेना होता है। अगर आप राजनीति में कदम रखना चाहते हैं और समाज सेवा करना आपका उद्देश्य है, तो वार्ड पार्षद बनना आपके लिए पहला और सबसे उपयुक्त रास्ता हो सकता है।

How to Become A Ward Parshad: वार्ड पार्षद कैसे बने योग्यता, आवेदन प्रक्रिया और सैलरी की पूरी जानकारी

वार्ड पार्षद बनने के लिए किसी बड़ी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि आम नागरिक भी इसके लिए चुनाव लड़ सकता है। चुनाव में खड़े होने के लिए कुछ बुनियादी योग्यताएं और दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं। इसके साथ ही सही रणनीति, जनसमर्थन और सामाजिक कार्यों में सक्रियता आपको जीत दिलाने में सहायक हो सकती है।

वार्ड पार्षद बनने के लिए योग्यता और आवेदन प्रक्रिया

वार्ड पार्षद बनने के लिए उम्मीदवार को अपने वार्ड (क्षेत्र) का निवासी होना अनिवार्य है। चुनाव आयोग द्वारा तय की गई नियमों के अनुसार व्यक्ति की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए और वह मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। आवेदन की प्रक्रिया सामान्यतः नगर निगम या नगरपालिका द्वारा स्थानीय स्तर पर जारी अधिसूचना के माध्यम से शुरू होती है।

उम्मीदवार को तय समय के भीतर नामांकन फॉर्म भरना होता है, जिसमें नाम, पता, वार्ड नंबर, पहचान पत्र, फोटो आदि दस्तावेज़ संलग्न करने होते हैं। इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा सत्यापन किया जाता है और योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की जाती है। इसके बाद प्रचार-प्रसार और अंत में मतदान प्रक्रिया होती है। चुनाव में जीतने वाला उम्मीदवार अपने क्षेत्र का पार्षद चुना जाता है।

वार्ड पार्षद की सैलरी कितनी होती है?

वार्ड पार्षद की सैलरी राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारित की जाती है, इसलिए हर राज्य में यह राशि अलग-अलग हो सकती है। सामान्यतः वार्ड पार्षद को मासिक मानदेय (Honorarium) के रूप में ₹5,000 से ₹20,000 तक भुगतान किया जाता है। इसके अतिरिक्त पार्षदों को बैठक भत्ता, यात्रा भत्ता और क्षेत्रीय विकास निधि जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं। हालांकि, पार्षद का पद एक "अवैतनिक जनप्रतिनिधि" की श्रेणी में आता है, इसलिए यह सैलरी एक स्थायी वेतन नहीं मानी जाती, बल्कि सेवा कार्य के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है।

Sarpanch Ki Salary Kitni Hoti Hai : सरपंच की सैलरी कितनी होती है जाने किस राज्य में सरपंच की सैलरी क्या

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वार्ड पार्षद बनने की पूरी प्रक्रिया (Key Points)

श्रेणीविवरण
पात्रता (Eligibility)- भारतीय नागरिक होना चाहिए - न्यूनतम उम्र 21 वर्ष - वार्ड क्षेत्र का निवासी होना चाहिए - मानसिक रूप से सक्षम हो - किसी गंभीर अपराध में दोषी न हो
📄 डॉक्युमेंट्स लिस्ट (Documents Required)- आधार कार्ड - वोटर आईडी - एड्रेस प्रूफ - पासपोर्ट साइज फोटो - शपथ पत्र (अगर मांगा जाए) - जाति प्रमाण पत्र (आरक्षित सीट के लिए)
📝 आवेदन प्रक्रिया (Apply Process)1. नगर निगम/पालिका की अधिसूचना का इंतजार करें 2. नामांकन फॉर्म भरें 3. ज़रूरी दस्तावेज़ लगाएं 4. फॉर्म जमा करें और रसीद प्राप्त करें 5. चुनाव प्रचार करें 6. मतदान और परिणाम की प्रतीक्षा करें
🔄 अन्य प्रक्रिया (Additional Process)- चुनाव प्रचार की रणनीति बनाना - जनसमर्थन प्राप्त करना - सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहना - बूथ व कार्यकर्ता तैयार करना - चुनाव आचार संहिता का पालन करना

अगर आप वार्ड पार्षद बनने की सोच रहे हैं तो यह आपके जीवन में समाज सेवा और राजनीति की दिशा में पहला मजबूत कदम हो सकता है। सही नियोजन, मेहनत और जनसमर्थन के साथ आप एक सफल पार्षद बन सकते हैं।

राज्यवार वार्ड पार्षद की सैलरी (State-wise Ward Parshad Salary Table)

राज्य का नाम 🏛️अनुमानित मासिक सैलरी 💰 (INR)अतिरिक्त भत्ते/सुविधाएं 📋
उत्तर प्रदेश (UP)₹7,000 – ₹10,000बैठक भत्ता, यात्रा भत्ता, विकास निधि
मध्य प्रदेश (MP)₹10,000विकास निधि, फोन/नेट खर्च
बिहार₹5,000 – ₹8,000बैठक भत्ता, प्रचार खर्च वापसी
राजस्थान₹10,000 – ₹12,000मीटिंग भत्ता, फंड
दिल्ली (MCD)₹15,000 – ₹20,000वाहन सुविधा, फंड, प्रचार भत्ता
महाराष्ट्र (BMC आदि)₹10,000 – ₹15,000यात्रा भत्ता, विकास निधि
झारखंड₹5,000 – ₹7,000मामूली फंड व भत्ता
छत्तीसगढ़₹7,000 – ₹9,000बैठक भत्ता, क्षेत्र विकास निधि
कर्नाटक₹12,000 – ₹15,000यात्रा भत्ता, मानदेय
तमिलनाडु₹10,000क्षेत्र फंड, अन्य भत्ते
पश्चिम बंगाल₹8,000 – ₹10,000मीटिंग भत्ता, ट्रेवल भत्ता
पंजाब₹10,000सीमित मानदेय व सुविधाएं
गुजरात₹10,000 – ₹12,000फोन/नेट/बैठक भत्ता
हरियाणा₹8,000 – ₹10,000क्षेत्र विकास फंड, बैठक भत्ता
उत्तराखंड₹7,000 – ₹9,000मामूली मानदेय

🔍 नोट:

  • ये सैलरी फिक्स वेतन नहीं होती, यह स्थानीय निकाय (नगर निगम / नगर पालिका) पर निर्भर करती है।

  • इसके अलावा, कुछ राज्यों में पार्षदों को “परियोजना बजट” या “विकास निधि” भी दी जाती है, जिसका उपयोग क्षेत्रीय विकास कार्यों में किया जाता है।

  • कई जगह यह सेवा आधारित पद होता है, इसलिए इसे पूर्णकालिक नौकरी की तरह नहीं देखा जाता।

FAQs

1️⃣ वार्ड पार्षद क्या होता है?

उत्तर: वार्ड पार्षद (Ward Parshad) नगर निगम या नगर पालिका का एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है, जो अपने क्षेत्र (वार्ड) के विकास कार्यों और जनसमस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाता है।

2️⃣ वार्ड पार्षद बनने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है?

उत्तर: उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसकी उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए और वह संबंधित वार्ड का निवासी होना चाहिए।

3️⃣ क्या वार्ड पार्षद बनने के लिए कोई परीक्षा देनी होती है?

उत्तर: नहीं, वार्ड पार्षद बनने के लिए कोई लिखित परीक्षा नहीं होती, बल्कि चुनाव के माध्यम से चुना जाता है।

4️⃣ वार्ड पार्षद की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: यह राज्य और नगर निकाय पर निर्भर करता है। सामान्यतः ₹5,000 से ₹20,000 तक मानदेय मिलता है, साथ ही मीटिंग भत्ता और क्षेत्रीय विकास निधि जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।

5️⃣ नामांकन प्रक्रिया में क्या-क्या दस्तावेज़ लगते हैं?

उत्तर: आधार कार्ड, वोटर आईडी, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो, शपथ पत्र और (यदि आवश्यक हो) जाति प्रमाण पत्र लगाना होता है।

6️⃣ क्या कोई सरकारी कर्मचारी वार्ड पार्षद बन सकता है?

उत्तर: नहीं, सरकारी कर्मचारी सेवा में रहते हुए चुनाव नहीं लड़ सकता। पहले उसे इस्तीफा देना या वीआरएस लेना पड़ेगा।

7️⃣ क्या वार्ड पार्षद के पास क्षेत्र के लिए कोई फंड होता है?

उत्तर: हाँ, अधिकतर राज्यों में पार्षदों को क्षेत्र विकास निधि (Ward Development Fund) दी जाती है, जिससे वे अपने क्षेत्र में ज़रूरी कार्य करवा सकते हैं।